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  • देते हैं बोरे उलझा देते हैं मूंज की रस्सियां और टाट पानी में घिरे हुए लोग अपने साथ ले आते हैं पुआल की गंध वे ले आते हैं आम की गुठलियां खाली टिन भुने हुए...
    ३ KB (२९० शब्द) - १८:४१, ३० जून २०२०
  • कि अपने बालकों को छातियों से और चिपकतीं। भोले भाव की करुणा बहुत ही क्रान्तिकारी सिद्ध होती है। उ उपेक्षित काल पीड़ित सत्य के समुदाय लेकर साथ मेरे लोग असंख्य...
    ८ KB (५६१ शब्द) - ०७:१५, २७ मई २०२३
  • की सभी पुस्तकें (वर्तमान में 156) रखी गयी हैं, इन्हें विकिबुकियन क्यूरेटर लोग मानवीय संपादनों और किंचित अर्द्ध-स्वचालित संसाधनों की सहायता से सँभाल कर...
    ४ KB (२४६ शब्द) - १६:४२, १३ दिसम्बर २०२१
  • जगत को हिन्दी दिवस पर बताया कि हिन्दी के प्रति लोगों में भावनात्मक संवेदना होना बहुत जरूरी है। लोगों के मानसिक स्थिति में परिवर्तन लाये बिना कुछ भी नहीं...
    २ KB (१२८ शब्द) - ०२:३१, २४ जुलाई २०२१
  • था कि सामनेवाला व्यक्ति सहज नहीं रह पाता था। ‘‘...तुम लोग अपने आपको समझते क्या हो ? तुम लोगों को सिर्फ बड़े-बड़े प्रमोशन चाहिए, वे भी आरक्षण के भरोसे।...
    ४० KB (३,२८१ शब्द) - १०:५५, ९ अक्टूबर २०२१
  • की डोरी टुकड़े-टुकड़े होकर जुड़ गई। लट्टू अपने से नाच रहे थे। मैंने कहा, अब हो चुका। अपना खेल बटोर लो, हम लोग भी अब जाएँगे। श्रीमतीजी ने धीरे से उसे एक...
    १७ KB (१,३५१ शब्द) - २२:५१, ३ जनवरी २०२४
  • किस्म-किस्म के पाकिटकाट लोग हर साल आते हैं। अपने साथी-संगियों का भी क्या भरोसा! हीराबाई मान गई। हिरामन के कपड़े की काली थैली को उसने अपने चमड़े के बक्स में...
    १२५ KB (१०,५०२ शब्द) - ०८:१७, १० अक्टूबर २०२३
  • बरगद, बाँस और ढेर सारे पेड़ों की बस्तियाँ। इनकी अपनी दुनिया थी, अपने मजे थे। ये लोग बारिश में नाचते थे, बसंत में गाते थे, हवा में झूमते थे और ओलों और...
    २९ KB (२,३९४ शब्द) - ११:३१, १३ अक्टूबर २०२१
  • को कुछ बेसन के लड्डू रख दिए हैं। कहा, बाबूजी को पसंद थे। अब कहाँ हम गरीब लोग, आपकी कुछ खातिर कर पाएँगे।' घर जाने की खुशी में भी गजाधर बाबू ने एक विषाद...
    ४२ KB (३,५३८ शब्द) - १३:११, १७ दिसम्बर २०२३
  • मांस-मछली बने, तो मैं कुछ नहींखाती। जैसे भी हो, अपने काम से जल्दी निबट लेना। अच्छा, बेटा। और माँ, हम लोग पहले बैठक में बैठेंगे। उतनी देर तुम यहाँ बरामदे...
    ३६ KB (३,०५४ शब्द) - ०३:११, १५ सितम्बर २०१९
  • शब्दों या वाक्यों द्वारा अपने आपको प्रकट करता है तो कभी सिर हिलाने से उसका काम चल जाता है। समाज के उच्च और शिक्षित वर्ग में लोगों को निमंत्रित करने के लिए...
    ८ KB (६०९ शब्द) - १६:०४, १७ दिसम्बर २०२२
  • 1500 से यूरोप के लोग भारत में आते-जाते रहे हैं, किन्तु करीब तीन सौ वर्षों तक हिन्दी भाषी इनके सम्पर्क में नहीं आए, क्योंकि यूरोपीय लोग समुद्र के रास्ते...
    २१ KB (१,५४७ शब्द) - १६:०७, १७ दिसम्बर २०२२
  • भेड़िया २ और ३ (ख) केदारनाथ सिंह बढ़ई और चिड़िया रोटी पानी में घिरे हुए लोग इकाई - ४ (क) राजेश जोशी बच्चे काम पर जा रहे हैं मारे जाएंगे झाड़ू की नीतिकथा...
    ३ KB (१४२ शब्द) - ०५:४६, २९ सितम्बर २०२३
  • हिन्दी विश्व की प्रमुख भाषा है,यह 50 करोड़ लोगों की भाषा हैं। हिन्दी भाषा, भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी के अधिकतम शब्द संस्कृत...
    ३ KB (२७२ शब्द) - ११:३३, ९ मार्च २०२४
  • शब्दों का उच्चारण पर आधारित भी नहीं है कि कोई इस लिपि में भी लिख सके। इसका कई लोग विरोध भी करते थे। कम्प्युटर केवल रोमन लिपि के भाषाओं के लिए ही काम करने लगा...
    २ KB (१४२ शब्द) - ०३:१३, २४ जुलाई २०२१
  • तुलनात्मक अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला कि किसी समय भारत से लेकर यूरोप तक के लोग एक ही मूल भाषा का व्यवहार करते थे। भारत में तुलनात्मक भाषाविज्ञान का आरम्भ...
    १० KB (५९९ शब्द) - १६:०७, १७ दिसम्बर २०२२
  • एक लड़की-उसे अपने भाई के जौसी आजादी और वह अपने फैसले खुद कर सकती है। वह अपनी पढ़ाई विदेश में कर सकती है। उपरोक्त उदाहरण से स्पष्ट है कि लोग नियमित काम ...
    १२ KB (८७० शब्द) - ११:१८, १६ मई २०२३
  • अज्ञान:- अज्ञानता के कारण भी कभी-कभी नए रूपों का निर्माण हो जाता है। कभी लोग अज्ञानता के कारण शब्दों का प्रयोग करते हैं और प्रचलित हो जाने के कारण मूल...
    ९ KB (६६१ शब्द) - १६:०५, १७ दिसम्बर २०२२
  • बिल्डिंग के सभी लोग उनसे परिचित थे और सभी शरीफ, दुनियादार आदमी थे। तभी सरदारजी का नौकर जीने से भडभडाता हुआ आया और दरवाजा खोलकर बाहर जाने लगा। अपने मन को और सहारा...
    ३१ KB (२,७७९ शब्द) - ०५:०८, ३१ मई २०२१
  • भाषा है। इसे मलेशिया और मॉरीशस में भी कुछ लोग बोलते हैं। इसके अलावा पूरे विश्व में भी कई जगह यहाँ से गए लोग तमिल भाषा बोलते हैं। इसे बोलने वाले 6 करोड़...
    २ KB (११७ शब्द) - १२:४२, ११ जून २०२१
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