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  • की कीमत और अमरूदों वाली मुनिया भी! दुनिया में कुछ और रहे-न-रहे रहेगा नमक- ईश्वर के आंसू और आदमी का पसीना - ये ही वो नमक है जिससे थिराई रहेगी ये दुनिया...
    २ KB (१५६ शब्द) - १६:२८, ३० जून २०२०
  • में एक-दूसरे का चेहरा नहीं देख पा रहे थे, फिर भी वे एक-दूसरे की ओर देख रहे थे। कान्वेंट स्कूल से कुछ दूर मैदानों में बहते पहाड़ी नाले का स्वर आ रहा था।...
    १४८ KB (१२,१८८ शब्द) - ०९:०६, २४ सितम्बर २०२१
  • दी गई है। इसमें ईश्वर का निधन, मनुष्य (कर्ता) की मृत्यु, इतिहास का अंत, विचारधारा का अंत, आधुनिकता का अंत, कला और साहित्य तथा लेखन का अवसान शामिल है।...
    १३ KB (८७९ शब्द) - १७:१८, ३१ जनवरी २०२३
  • सूचना विभाग का प्रधान मीरबख्शी था, जिसमें खुफिया अधिकारी ‘बरीद’ था और सूचना अधिकारी वाकियानवीस था। अकबर ने शेरशाह द्वारा अपनाई गई ‘चेहरा पद्धति’ और अलाउद्दीन...
    ४३ KB (३,१२१ शब्द) - ०५:१७, ३० जुलाई २०२१
  • में एक-दूसरे का चेहरा नहीं देख पा रहे थे, फिर भी वे एक-दूसरे की ओर देख रहे थे। कान्वेंट स्कूल से कुछ दूर मैदानों में बहते पहाड़ी नाले का स्वर आ रहा था।...
    १४८ KB (१२,१९० शब्द) - ०४:४४, २५ जुलाई २०२१
  • समझाने-बुझाने से, इसी गॉँव में कई घर सँभल गये, पर जिस स्त्री की मान-प्रतिष्ठा का ईश्वर के दरबार में उत्तरदाता हूँ, उसके प्रति ऐसा घोर अन्याय और पशुवत् व्यवहार...
    ३७ KB (३,१५४ शब्द) - ०४:५४, ३० जुलाई २०२१
  • देंगे मैं दूँगा माकूल जवाब, समय को इतिहास लिखने दो हम ही हटाएंगे कोहरा ईश्‍वर की मौत अब मैं सॉंस ले रहा हूँ बंजर धरती के बीज तुम देखना काल (कविता संचयन)...
    ५७ KB (४,०५४ शब्द) - १५:०१, ३० दिसम्बर २०२३
  • से विरोध दिखाई पड़ता है। नए कवि का ईश्वर, नियति भाग्य, मंदिर और अन्य देवी-देवताओं में भरोसा नहीं है। वह स्वर्ग-नरक का अस्तित्व नहीं मानता- "उर्वशी ने...
    ७२ KB (५,३६२ शब्द) - ०१:४७, ४ फ़रवरी २०२४
  • शान्ति है निस्सर दूर वह सब शांति, वह सित भव्यता, वह शून्य के अवलेप का प्रस्तार- इश्वर केवल झिलमिलाते चेत-हर, दुर्धर कुहासे की हलाहल-स्निग्ध मुट्ठी में सिहरते...
    ७६ KB (५,६३१ शब्द) - १७:३२, २० फ़रवरी २०२४
  • भीष्म साहनी का ‘कबिरा खड़ा बाजार में’, राजेन्द्र प्रसाद का ‘प्रतीतियों के बाहर’ और ‘चेहरों का जंगल’ आदि। इन नाटकों में जो सामान्य प्रवृत्तियां उभर कर...
    १४८ KB (१०,१३७ शब्द) - १३:२३, २८ मार्च २०२३