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  • सिखा रही है।कान्हा जब चलते समय धरती पर डगमग जाते है तो माता यशोदा उनको अपनी ऊँगली पकड़ा देती है जब वह अपने डगमगते चरणों से वह पृथ्वी पर चलते है तो माता...
    १० KB (८०३ शब्द) - ०४:४१, २५ जुलाई २०२१
  • के घंटे की निरंतर कम्पित ध्वनि सुनी, मैंने,हे सखी! "सुनो, आठों दिशायें डगमगाने लगीं। इसके अतिरिक्त अंधकार के सूर्य को निगलते देखा मैंने,हे सखी! "सुनो...
    १८ KB (१,४१९ शब्द) - ०५:१३, २६ जुलाई २०२१
  • सिखा रही है।कान्हा जब चलते समय धरती पर डगमग जाते है तो माता यशोदा उनको अपनी ऊँगली पकड़ा देती है जब वह अपने डगमगते चरणों से वह पृथ्वी पर चलते है तो माता...
    १९ KB (१,५२५ शब्द) - ०४:४३, २५ जुलाई २०२१
  • ड्योढी से परदा हटने के साथ ही, जैसे चौधरी के जीवन की डोर टूट गयी । वह डगमगाकर ज़मीन पर गिर पड़े । इस दृश्य को देख सकने की ताब चौधरी में न थी, परन्तु...
    ३१ KB (२,६५७ शब्द) - ०५:०६, ३१ मई २०२१
  • लगे। आँचल पकड़ लिया। दही भूमि पर लुढ़क गया। कृष्ण चलना सीख रहे हैं। पैर डगमगाते हैं। यशोदा हाथ पकड़कर उन्हें चलना सिखलाती हैं- सिखवत चलन जसोदा मैया अरबराय...
    २३ KB (१,७२८ शब्द) - ०४:५०, २५ जुलाई २०२१
  • लगे। आँचल पकड़ लिया। दही भूमि पर लुढ़क गया। कृष्ण चलना सीख रहे हैं। पैर डगमगाते हैं। यशोदा हाथ पकड़कर उन्हें चलना सिखलाती हैं- सिखवत चलन जसोदा मैया अरबराय...
    २३ KB (१,७२८ शब्द) - ०४:५३, २५ जुलाई २०२१
  • बस भद्द नहीं उड़नी चाहिए! अच्छा, देखूँ पहले कि रुपये कितने हैं। और वे डगमगाते कदमों से नीचे आयीं। दो-तीन कपड़ों की गठरियाँ हटाकर एक छोटा-सा बक्स निकाला।...
    ३० KB (२,५४३ शब्द) - ०४:५४, २५ जुलाई २०२१
  • ड्योढी से परदा हटने के साथ ही, जैसे चौधरी के जीवन की डोर टूट गयी । वह डगमगाकर ज़मीन पर गिर पड़े । इस दृश्य को देख सकने की ताब चौधरी में न थी, परन्तु...
    ३१ KB (२,६२२ शब्द) - ०४:५५, २५ जुलाई २०२१
  • लैम्प लेकर आगे चलिए” लतिका ने लैम्प उठाया। दीवार पर उन तीनों की छायाएँ डगमगाने लगीं। “इन ए बैक लेन ऑफ द सिटी, देयर इज ए गर्ल हू लव्ज मी” ह्यूबर्ट डाक्टर...
    १४८ KB (१२,१८८ शब्द) - ०९:०६, २४ सितम्बर २०२१
  • नाहीं मान हमारी बात ।। पी प्याला छक छक आनँद से नितहि साँझ और प्रात। झूमत चल डगमगी चाल से मारि लाज को लात ।। हाथी मच्छड़, सूरज जुगुनू जाके पिए लखात। ऐसी सिद्धि...
    ७७ KB (६,२११ शब्द) - ०४:५६, २५ जुलाई २०२१
  • लैम्प लेकर आगे चलिए” लतिका ने लैम्प उठाया। दीवार पर उन तीनों की छायाएँ डगमगाने लगीं। “इन ए बैक लेन ऑफ द सिटी, देयर इज ए गर्ल हू लव्ज मी” ह्यूबर्ट डाक्टर...
    १४८ KB (१२,१९० शब्द) - ०४:४४, २५ जुलाई २०२१
  • बाँसों का झुरमुट, संधया का झुटपुट ये नाप रहे निज घर का मग कुछ श्रमजीवी घर डगमग डग भारी है जीवन, भारी पग! जो पुराना पड़ गया है जीर्ण और जर्जर हो गया है और...
    २३० KB (१७,७४१ शब्द) - १३:४९, २५ मार्च २०१७