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  • दक्षिण-पद, दक्षिण-कर-तल पर वाम चरण, कपिवर गद्गद पा सत्य, सच्चिदानन्दरूप, विश्राम-धाम, जपते सभक्ति अजपा विभक्त हो राम-नाम। युग चरणों पर आ पड़े अस्तु वे अश्रु युगल...
    २४ KB (१,८१३ शब्द) - ०५:५४, १५ मई २०२३
  • इस पुराण को सुनता है , उसपर अत्यंत प्रसन्न हुए भगवन महेश्वर उसे अपना पद ( धाम ) प्रदान करते है | जो प्रतिदिन आदरपूर्वक इस शिव पुराण की पूजा करता है वह...
    ४१ KB (३,१४२ शब्द) - १३:०१, २७ सितम्बर २०१८
  • कौरवो की, नारियां कुछ काल में यहां छंद है - हरिगीतिका बोला बचन नीति अति पावन, सुनहु तात कुछ मोर सिखावन में छंद है - चौपाई निसि द्यौंस ख्री उर मांझ अरी...
    ६६ KB (४,७३७ शब्द) - १३:०१, २३ फ़रवरी २०१९
  • नदी के किनारे धन-खेतों से फूले हुए धान के पौधों की पवनिया गंध आती है। पर्व-पावन के दिन गाँव में ऐसी ही सुगंध फैली रहती है। उसकी गाड़ी में फिर चंपा का फूल...
    १२५ KB (१०,५०२ शब्द) - ०८:१७, १० अक्टूबर २०२३
  • कि सवैये में भी खड़ी बोली कैसी मधुरता के साथ ढल सकती है , इस भारत में वन पावन तू ही तपस्वियों का तप आश्रम था। जगतत्व की खोज में लग्न जहाँ ऋषियों ने अभग्न...
    १३२ KB (९,९७४ शब्द) - १३:३१, २४ मार्च २०१७
  • नदी के किनारे धन-खेतों से फूले हुए धान के पौधों की पवनिया गंध आती है। पर्व-पावन के दिन गाँव में ऐसी ही सुगंध फैली रहती है। उसकी गाड़ी में फिर चंपा का फूल...
    १२६ KB (१०,५४५ शब्द) - ०४:४४, २५ जुलाई २०२१
  • इस नदी के साथ भारतवासियों के अनेक सुखद और आधारभूत सम्बन्ध रहे हैं। इसके पावन तट पर भारतीय जीवन पद्धति के विविध आयामों का विकास हुआ है। इसके सान्निध्य...
    २७७ KB (२०,८४९ शब्द) - १६:४०, २८ सितम्बर २०१८