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इस विकि पर "हिंदी कविता (छायावाद के बाद)/उसकी गृहस्थी" नाम का पृष्ठ बनाएँ! खोज परिणाम भी देखें।
- कवि राजेश जोशी द्वारा रचित है। यह उनकी कविता 'उसकी गृहस्थी' से उद्धरित है। प्रसंग- कवि ने इसमें एक स्त्री (पत्नी) की कार्य-प्रणाली और उसकी गृहस्थी के...११ KB (९२४ शब्द) - ०५:०४, २५ जुलाई २०२१
- यह हिंदी कविता (छायावाद के बाद) पुस्तक की सहायिका है। यह दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक प्रतिष्ठा के पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है। लेखक अज्ञेय...३ KB (१६७ शब्द) - ०५:१८, २३ अप्रैल २०२३
- जायेंगे आदतों के बारे में-- अंकिता,राहुल कुमार, उसकी गृहस्थी- Sahil baisoya, सोनू हिंदी कविता (छायावाद के बाद) सहायिका/अरुण कमल की कविताओं की विसेषताएं/-...१० KB (२५७ शब्द) - ०५:०५, २५ जुलाई २०२१
- में बहुत कम और हिंदी में बहुत अधिक है। अपनी प्रभावान्विति में ‘अकाल और उसके बाद’ कविता में अभिव्यक्त नागार्जुन की करुणा साधारण दुर्भिक्ष के दर्द से बहुत...२३ KB (१,६८१ शब्द) - ०७:५४, २६ मई २०२२
- जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य में एक...४२ KB (२,९४६ शब्द) - १५:०६, २९ मई २०२०
- जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य में एक...४१ KB (२,९२५ शब्द) - ०८:२४, ९ अक्टूबर २०२१
- है। एक इसी कविता के बल पर वे हिंदी साहित्य में अमर हो गई हैं। इस एक कविता के अलावा बच्चों के लिए लिखी उनकी कविताएँ भी हिंदी में बाल कविता का नया अध्याय...५५ KB (४,२३८ शब्द) - १७:१९, २५ दिसम्बर २०२१
- पंक्ति आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख प्रगतिशील कवि अरुण कमल द्वारा कविता संग्रह से नए इलाके में से लिया गया है अरुण कमल की कविताओं में जीवन के विविध क्षेत्रों...७ KB (५९४ शब्द) - २०:०३, २९ मई २०२२
- है। एक इसी कविता के बल पर वे हिंदी साहित्य में अमर हो गई हैं। इस एक कविता के अलावा बच्चों के लिए लिखी उनकी कविताएँ भी हिंदी में बाल कविता का नया अध्याय...५५ KB (४,२३८ शब्द) - ०५:०३, २५ जुलाई २०२१
- ने अपने लेखों के माध्यम से जनजागृति का कार्य किया। 1909 में जयशंकर प्रसाद ने ‘इन्दु’ पत्रिका का प्रकाशन किया। हिंदी काव्यधारा में छायावाद का आरंभ इसी पत्रिका...७६ KB (५,३४६ शब्द) - ०७:३९, २५ जनवरी २०२३
- मारे जाएंगे प्रस्तुत कविता राजेश जोशी द्वारा रचित कविता 'मारे जाएंगे' से अवतरीत हैं। इस कविता मे हिंसात्मक घटना का वर्णन किया गया है| इनमे दंगे की आग में...११ KB (९०० शब्द) - ०५:४४, २५ मई २०२०
- काव्यरचना योरप में हुई, जिसका कुछ अनुकरण बँग्ला में हुआ। आजकल हिन्दी की जो कविता 'छायावाद' के नाम से पुकारी जाती है उसमें इन सब वादों का मिला जुला आभास पाया...१९३ KB (१४,४३२ शब्द) - १३:२९, २४ मार्च २०१७