हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन) सहायिका/त्रिबली वर्णन
विकिपुस्तक से
<
हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन) सहायिका
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन) सहायिका
←
अतिसरूपग
त्रिबली वर्णन
सूरदास के पद
→
त्रिबली वर्णन
मंझन/
(१)करी माहैं त्रिबली कसि अही।
(२)दसन जोति बरनी नहिं जाई।
श्रेणी
:
पुस्तक:हिंदी कविता (आदिकालीन एवं भक्तिकालीन) सहायिका
दिक्चालन सूची
व्यक्तिगत उपकरण
लॉग इन नहीं किया है
वार्ता
योगदान
खाता बनाएँ
लॉग इन
नामस्थान
पृष्ठ
चर्चा
हिन्दी
दर्शाव
पढ़ें
संपादित करें
इतिहास देखें
और
खोजें
भ्रमण
मुखपृष्ठ
सहायता
ब्राउज़ करें
हाल के बदलाव देखें
कोई एक पुस्तक पढ़ें
दान करें
हमारा समुदाय
चौपाल
समाज मुखपृष्ठ
योगदान करें!
नीतियाँ और दिशानिर्देश
समुदाय सूचना-पटल
संपर्क करें
उपकरण
यहाँ क्या जुड़ता है
पृष्ठ से जुड़े बदलाव
फ़ाइल अपलोड करें
विशेष पृष्ठ
स्थायी कड़ी
पृष्ठ जानकारी
इस पृष्ठ को उद्धृत करें
प्रिंट/निर्यात
पुस्तक बनायें
PDF के रूप में डाउनलोड करें
मुद्रणीय प्रारूप
अन्य भाषाओं में
कड़ी जोड़ें