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  • क्षणिक पतंग की है अमर दीपक की निशानी! है तुझे अंगार-शय्या पर मृदुल कलियां बिछाना! जाग तुझको दूर जाना!" जाग तुझको दूर जाना 1. चिर सजग आँखें उनींदी -------------अपने...
    ३९ KB (३,१७२ शब्द) - १७:०८, २९ जून २०२३
  • थी। उछल-उछल आते पानी के भंवरों से टकराकर कगारे गिर रहे थे लेकिन दूर-दूर तक बिछी रेत आज न जाने क्यों खामोश लगती थी! शाहनी ने कपड़े पहने, इधर-उधर देखा, कहीं...
    २६ KB (२,२४१ शब्द) - १०:४८, ९ अक्टूबर २०२१
  • उन्हें इसका अवसर सुश्किल से मिलता था। वह सोती ही रहती थी, तब तक उधर बाजी बिछ जाती थी। और रात को जब सो जाती थीं, तब कहीं मिर्जाजी भीतर आते थे। हाँ नौकरों...
    ४४ KB (३,६७२ शब्द) - ०५:१३, २६ जुलाई २०२१
  • राधा, खाना पका! राम, आ बताशा खा! राधा, झाड़ू लगा! भैया अब सोएगा जाकर बिस्तर बिछा! अहा, नया घर है! राम, देख यह तेरा कमरा है! ‘और मेरा?’ ‘ओ पगली, लड़कियाँ हवा...
    ३ KB (२३४ शब्द) - १६:३१, ३० जून २०२०
  • पाठशाला, धोबी, पासी, चमार, तेली खोलेंगे अँधेरे का ताला, एक पाठ पढ़ेंगे, टाट बिछाओ। यहाँ जहाँ सेठ जी बैठे थे बनिये की आँख दिखाते हुए, उनके ऐंठाये ऐंठे थे धोखे...
    १ KB (९४ शब्द) - ०४:५७, २५ जुलाई २०२१
  • सन्नाटा छाया हुआ है। बोधासिंह खाली बिसकुटोंके तीन टिनों पर अपने दोनों कंबल बिछा कर और लहनासिंह के दो कंबल और एक बरानकोटओढ़ कर सो रहा है। लहनासिंह पहरे पर...
    ४६ KB (३,७८४ शब्द) - ०८:२६, ७ फ़रवरी २०२२
  • हो गये । मै हताश हो , बाट जोहता रहा दिनो तक , बाल कल्पना के अपलक पांवड़े बिछाकर । मै अबोध था, मैने गलत बीज बोये थे , ममता को रोपा था , तृष्णा को सींचा था...
    ४ KB (३१४ शब्द) - २०:४६, १६ दिसम्बर २०२१
  • रहता है। शरीर को बल प्राप्त होता है। शीर्षासन करने के लिए के सबसे पहले दरी बिछा कर समतल स्थान पर वज्रासन की अवस्‍था में बैठ जाएं। अब आगे की ओर झुककर दोनों...
    ३ KB (२३४ शब्द) - ०४:५९, ३० जुलाई २०२१
  • रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाने की लिए एक श्रेष्ठ आसन हैं। भूमि पर बिछे हुए आसन पर चित्त होकर लेट जायें। घुटनों से पैर मोड़ कर ऊपर उठायें। पैर के...
    ३ KB (२४५ शब्द) - ०४:५८, ३० जुलाई २०२१
  • छलकती हुई आँखों से देखा । हल्कू- आज और जाड़ा खा ले । कल से मैं यहाँ पुआल बिछा दूँगा । उसी में घुसकर बैठना, तब जाड़ा न लगेगा । जबरा ने अपने पंजे उसकी घुटनियों...
    २४ KB (२,१०६ शब्द) - १०:००, २४ सितम्बर २०२१
  • अलग 'दूरदर्शन' केंद्र की स्थापना हुई और आज देश में टी.वी. चैनलों का जाल बिछा हुआ है। 'उपग्रह' प्रणाली ने टेलीविजन को नया आयाम दिया है, जिसे केबल टी.वी...
    ५ KB (३७४ शब्द) - ०४:३०, २५ जुलाई २०२१
  • किलोमीटर रेल ट्रैक बिछाने की लागत का वहन पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा जबकि बांग्लादेशी क्षेत्र में 10.6 किलोमीटर ट्रैक बिछाने की लागत विदेश मंत्रालय...
    १८ KB (१,२२० शब्द) - ०५:११, ३० जुलाई २०२१
  • कृपा से संसार-रूपी रात बीत गई है।' अब मैं जग गया हूँ-अत: अब पुन: बिस्तर बिछा कर नहीं सोऊँगा। भाव यह है कि अब मैं विषय-वासनाओं के बारे में समझ गया हूँ...
    ५ KB (४२४ शब्द) - ०५:३०, ३० जुलाई २०२१
  • की टिन की छत खट-खट बोलने लगी। लतिका पलँग से उठ खड़ी हुई। बिस्तर को तहाकर बिछाया। फिर पैरों में स्लीपरों को घसीटते हुए वह बड़े आईने तक आयी और उसके सामने...
    १४८ KB (१२,१८८ शब्द) - ०९:०६, २४ सितम्बर २०२१
  • विशेषतया मालती पर... मालती बच्चे को लेकर लौट आयी और फिर मुझसे कुछ दूर नीचे बिछी हुई दरी पर बैठ गयी। मैंने अपनी कुरसी घुमाकर कुछ उसकी ओर उन्मुख होकर पूछा...
    ४६ KB (३,९११ शब्द) - ०५:०५, ३१ मई २०२१
  • लिए मस्जिद की ओर चल पड़ा। शहजादे ने नमाज पड़ने का पवित्र कपड़ा जमीन पर बिछाया और घुटने टेककर उसने एकमन से नमाज की प्रक्रिया पूरी की। नमाज पढ़ते ही वह...
    ७ KB (६३३ शब्द) - ०४:५०, ३० जुलाई २०२१
  • उनके अपने हाथ में था। खूँटियाँ कमरों में कहाँ लगाई जाएँ, बिस्तर कहाँ पर बिछे, किस रंग के पर्दे लगाएँ जाएँ, श्रीमती कौन-सी साड़ी पहनें, मेज किससाइज की...
    ३६ KB (३,०५४ शब्द) - ०३:११, १५ सितम्बर २०१९
  • पाइएगा। हिरामन की देह की गुदगुदी मिट गई। 'हीराबाई ने कहा, 'तुम भी पत्तल बिछाओ। ...क्यों? तुम नहीं खाओगे तो समेट कर रख लो अपनी झोली में। मैं भी नहीं खाऊँगी।'...
    १२५ KB (१०,५०२ शब्द) - ०८:१७, १० अक्टूबर २०२३
  • वक्त पर आयी किन्तु सबका उद्देश्य सुधार ही लाना था। रेल, तार, डाक का जाल बिछाना, प्रेस खोलना, अंग्रेजी शिक्षा का नींव डालना और फोर्ट विलियम कॉलेज बनवाना...
    ४५ KB (२,८४५ शब्द) - १९:२७, ६ मार्च २०२४
  • सचमुच वह चांदी कि सफेद दो-तीन लड़ियां-सी टखनों के चारों ओर लिपटकर, चुपचाप बिछी हुई, बहुत ही सुघड़ लगती थी, और बच्ची की खुशी का ठिकाना न था। और हमारे महाशय...
    ५१ KB (४,४४९ शब्द) - ०३:०९, १५ सितम्बर २०१९
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