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इस विकि पर "प्रेम आर्य" नाम का पृष्ठ बनाएँ! खोज परिणाम भी देखें।
- स्वदेशी वस्तुओं के प्रति प्रेम आदि भावना का विकास काँग्रेस की ओर से किया जा रहा था। साहित्य में भी इसके प्रतिबिंब आये है। देश प्रेम कविता का विषय हो गया,...१३० KB (७,९१६ शब्द) - ०४:५८, २५ जुलाई २०२१
- है। आर्य समाज राजा राममोहनराय के बाद स्वामी दयानन्द सरस्वती एकस महान सुधारक हुए, जिन्होंने 1875 ई. में बम्बई में आर्य समाज लकी स्थापना की। आर्य समाज...२१३ KB (१५,५४९ शब्द) - १३:३५, २६ फ़रवरी २०१७
- सांस्कृतिक जागरण हुआ। स्वामी दयानंद सरस्वती और उनके द्वारा संस्थापित समाज ने आर्य समाज ने, हिन्दी की महत्व घोषित कर उसके प्रसार के लिए उर्वर क्षेत्र तैयार...२१ KB (१,४९५ शब्द) - ०५:०३, ३१ अगस्त २०२४
- है देश, वही साहस है, वैसा ज्ञान वही है शांति, वही है शक्ति, वही हम दिव्य आर्य-संतान जियें तो सदा इसी के लिए, यही अभिमान रहे यह हर्ष निछावर कर दें हम सर्वस्व...१२ KB (८८३ शब्द) - ०४:५६, २६ जुलाई २०२१
- सुन्दर होती है—अन्त चाहे सफलता के रूप में हो चाहे विफलता के। उपर्युक्त दोनों आर्य कवियों ने पूर्णता विचार से धर्म की गति का सौन्दर्य दिखाते हुए उसका सफलता...५० KB (३,७५४ शब्द) - ०५:४३, ४ जनवरी २०२३
- रण गर्जन घोर चले सामने कर्ण सकुचाया सा, आ मिला चकित भरमाया सा हरि बड़े प्रेम से कर धर कर, ले चढ़े उसे अपने रथ पर रथ चला परस्पर बात चली, शम-दम की टेढी...२४ KB (२,०७४ शब्द) - ०५:०३, २५ जुलाई २०२१
- मिलता, जिससे यह सिद्ध होता हो कि आर्यों ने बाहर से आकर यहाँ राज्य सत्ता स्थापित की थी। आर्यों के आदि देश, आर्य भाषा, आर्य सभ्यता औरसंस्कृति के सम्बन्ध में...२७७ KB (२०,८४९ शब्द) - १६:४०, २८ सितम्बर २०१८
- भुवनेश्वर प्रसाद ने अपने देश प्रेम का परिचय दिया है। हरिकृष्ण प्रेमीरचित ‘मान मन्दिर’, ‘न्याय मन्दिर’, ‘मातृ भूमि का मान’, ‘प्रेम अन्धा है’, ‘रूपशिखा’ आदि...३४ KB (२,१६४ शब्द) - ०५:४३, १० जुलाई २०२१
- रण गर्जन घोर चले सामने कर्ण सकुचाया सा, आ मिला चकित भरमाया सा हरि बड़े प्रेम से कर धर कर, ले चढ़े उसे अपने रथ पर रथ चला परस्पर बात चली, शम-दम की टेढी...२४ KB (२,०७४ शब्द) - ०४:५९, २५ जुलाई २०२१
- किया है। ‘जनमेजय का नागयज्ञ’ नाटक आर्यों और नागजति तथा आर्य-नाग-संघर्ष की पृष्ठभूमि में रचा गया है। ‘अजातशत्रु’ में आर्य जनपदों का पारस्परिक संघर्ष परोक्ष...१४८ KB (१०,१३७ शब्द) - १३:२३, २८ मार्च २०२३
- प्रेम भावना कवियों में सामाजिक प्रेम भावना जगा देती है। "मुझे जगत्- जीवन का प्रेमी/ बना रहा है प्यार तुम्हारा" का भाव उनमें जागता है। सामाजिक प्रेम की...५९ KB (४,१६८ शब्द) - २१:५०, ९ अक्टूबर २०२१
- पद्धति पर ही जब लक्ष्य टिक गया तब उसके प्रदर्शन के लिए लौकिक या अलौकिक प्रेम का क्षेत्र ही काफी समझा गया। इस बंधे हुए क्षेत्र के भीतर चलने वाले काव्य...९५ KB (६,६०३ शब्द) - ०५:१६, ३ दिसम्बर २०२१
- (लक्ष्मी), हेम कुमारी चौधरी (आदर्शमाता), यशोदा देवी (वीर पत्नी)।१८७५ में आर्य समाज की स्थापना भी हिन्दी नवजागरण से प्रेरित थी। भारतेन्दु ने वैष्णव भक्ति...४५ KB (२,८४५ शब्द) - १९:२७, ६ मार्च २०२४
- उठीं सबकी भुजा, खरकि उठीं तरवार। क्यों आपुहिं ऊँचे भए आर्य मोछ के बार' का कारण जान, प्राचीन आर्य गौरव का गर्व कुछ आ ही रहाथा कि वर्तमान अधाोगति का दृश्य...१३२ KB (९,९७४ शब्द) - १३:३१, २४ मार्च २०१७
- ऐसी हरकत न करे। × × × पुराने से पुराने आर्यों की अपने भाई असुरों से अनबन हुई। असुर असुरिया में रहना चाहते थे, आर्य सप्तसिंधुओं को आर्यावर्त बनाना चाहते...१९० KB (१४,२९१ शब्द) - ०१:५८, १३ फ़रवरी २०२०
- समाज अस्तित्व में आ चुका था। इसके दो साल बाद 1875 में दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी । दलित आंदोलन जिन महापुरुषों से शक्ति ग्रहण करता है...५७ KB (४,०५४ शब्द) - १५:०१, ३० दिसम्बर २०२३
- हैं। संस्कृत में प्रायः तुकान्त नहीं मिलता। यह तो अपभ्रंश या नवोदित भारतीय-आर्य भाषाओं की विशेषता है। कुछ विद्वानों का मत है कि इन पदों की रचना मूलतः पुरानी...११५ KB (७,९३१ शब्द) - १६:४८, २४ अगस्त २०२३
- आर्यभाषा का पढ़ना आवश्यक ठहराया। संयुक्त प्रांत के पश्चिमी जिलों और पंजाब में आर्य समाज के प्रभाव से हिन्दी गद्य का प्रचार बड़ी तेजी से हुआ। पंजाबी बोली में...२३० KB (१७,७४८ शब्द) - १३:२९, २४ मार्च २०१७
- सिलप्पदिकारम एक प्रेमकथा है जिसमें कोवलन नामक व्यापारी और माधवी नामक गणिका के प्रेम-प्रसंग का वर्णन है। मणिमेकलै में कोवलन और माधवी की कन्या के साहसिक जीवन...१७३ KB (१२,५८६ शब्द) - ०५:१६, ३० जुलाई २०२१
- 69 के जिस साप्ताहिक पत्र में छपा है उसका नाम बताइये। उ. सार्वदेशिक। 550. आर्य समाज द्वारा जुटाए गए विवरण के अनुसार नाना साहब पेशवा की समाधि नेपाल में नहीं...२५३ KB (१९,७१० शब्द) - १४:५९, ९ जनवरी २०२०