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- कहानी - कहानी को पश्चिम में 'शॉर्ट स्टोरी' कहा जाता है। एडगर एलन पो ने, जो कि आधुनिक कहानी के प्रणेताओं में प्रमुख माने जाते हैं, माना कि कहानी एक ऐसी...२ KB (१७१ शब्द) - २३:३५, १५ सितम्बर २०१९
- की काव्यानुभूति की बनावट - विजयदेव नारायण साही नव लेखन के युग की आलोचना (कथा आलोचना) नयी कहानी : सफलता और सार्थकता - नामवर सिंह कहानी की पाठ-प्रक्रिया :...३ KB (१२० शब्द) - ०७:२६, १४ मार्च २०२३
- नवीन कहानी कला की समीक्षा प्रगतिवादी हिंदी आलोचना के एक समर्थ हस्ताक्षर के रूप में डॉ. नामवर सिंह का नाम लिया जाता है। उन्होंने आदिकालीन साहित्य से लेकर...१८ KB (१,२९६ शब्द) - ०५:१७, ३ दिसम्बर २०२२
- प्रतिमान', 'इतिहास और आलोचना', 'इतिहास का दर्शन', 'दूसरी परंपरा की खोज' आदि। छायावाद इनकी आलोचना का सर्वोत्कृष्ट स्तर है, जहाँ न केवल आलोचना का सूक्ष्मतम स्तर...१३ KB (८७० शब्द) - ०५:२७, ३० जुलाई २०२१
- कहानीकारों में कहानी का नया आलोचना-शास्त्र तैयार करने की पहल की और नामवर सिंह ने 'कहानी:नयी कहानी' पुस्तक के माध्यम से नयी कहानी के मूल्यांकन की कसौटियों को...११ KB (७४२ शब्द) - १०:५२, २६ जून २०२०
- प्रर्वतक युग है। हिन्दी आलोचना का इतिहास रीतिकाल के थोड़ा पहले शुरू होता है। सच तो यह है कि रीतिकाल का रीतिबध्द साहित्य रीतिवादी आलोचना से प्रभावित है, और...१५ KB (१,०७७ शब्द) - ०५:२७, ३० जुलाई २०२१
- आलोचना की परिभाषा :--आलोचना "लोच" धातु से बना है जिसका अर्थ होता है 'देखना' अर्थात् किसी वस्तु या कृति की सम्यक् व्याख्या अथवा उसका मूल्यांकन करना ही...३५ KB (२,२७२ शब्द) - १३:०९, १८ दिसम्बर २०२३
- हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल) (श्रेणी पूर्णता की अवस्था अनुसार पुस्तकें/सभी पुस्तकें)भारतेंदु महावीरप्रसाद द्विवेदी की भूमिका स्वाधीनता आंदोलन और नवजागरणकालीन चेतना का उत्कर्ष नाटक उपन्यास कहानी आलोचना निबंध अन्य गद्य विधाएं छायावाद उत्तर...३ KB (१२९ शब्द) - ०५:२३, ३ दिसम्बर २०२१
- ग्रंथानुक्रमणिका हिंदी आलोचना की पारिभाषिक शब्दावली, अमरनाथ, राजकमल प्रकाशन, २०१६ फणीश्वर नाथ रेणु : चुनी हुई रचनाएँ, संपादक - भारत यायावर, वाणी प्रकाशन...४५२ B (२२ शब्द) - ०५:१५, १५ सितम्बर २०१९
- शुक्ल युग (ग) शुक्लोत्तर युग (स्वच्छंदतावादी आलोचना, ऐतिहासिक आलोचना, मनोविश्लेषणवादी आलोचना, मार्क्सवादी आलोचना, नई समीक्षा, समकालीन समीक्षा) ५. निबंध -...११ KB (७६३ शब्द) - ०४:४८, २५ जुलाई २०२१
- हिन्दी में कहानी वस्तुतः द्विवेदी-युग से प्रारम्भ होती है। भारतेन्दु-काल में और उसके पूर्व जो कहानियाँ लिखी गयीं, वे पश्चिमी ढंग की आधुनिक कहानी से काफी...४० KB (२,५६५ शब्द) - १४:३७, ६ जून २०१७
- साहित्य की बहुत-सी परिभाषाएँ की गई हैं, पर मेरे विचार से उसकी सर्वोत्तम परिभाषा ‘जीवन की आलोचना’ है। चाहे वह निबंध के रूप में हो, चाहे कहानियों के या काव्य...७० KB (५,५३९ शब्द) - ११:४८, ४ जनवरी २०२२
- हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल) (श्रेणी पूर्णता की अवस्था अनुसार पुस्तकें/सभी पुस्तकें)नवगीत, नवें दशक की कविता, समकालीन कविता समकालीन कथा-साहित्य : उपन्यास और कहानी नाटक, एकांकी हिंदी गद्य का उद्भव और विकास आलोचना निबंध गद्य की अन्य विधाएँ :...३ KB (१३८ शब्द) - ०१:३८, १ जून २०२०
- बड़े स्वार्थ कुछ लोगों की नामावली उपस्थित करें। (आज, 28 अक्टूबर, 1939) उपन्यास कहानी इस तृतीय उत्थान में हमारा उपन्यास कहानी साहित्य ही सबसे अधिक समृद्ध...१९३ KB (१४,४३२ शब्द) - १३:२९, २४ मार्च २०१७
- देशभक्ति के उत्साह और प्रदर्शन की प्रशंसा की है, जबकि अन्य ने इसकी पुरानी कहानी, पूर्वानुमेय कथानक और अति-हिंसा की आलोचना की है। निजी तौर पर, मुझे लगा कि...५ KB (४०४ शब्द) - ०७:३२, २८ फ़रवरी २०२४
- 'बिजली' आदि कुछ और सुंदर कहानियाँ भी लिखीें। पं. ज्वालादत्ता शर्मा ने संवत् 1971 से कहानी लिखना आरंभ किया और उनकी पहली कहानी सन् 1914 की सरस्वती में निकली।...१९० KB (१४,२९१ शब्द) - ०१:५८, १३ फ़रवरी २०२०
- होता है, इसलिए इस युग में जितने अच्छे निबन्ध लिखे गये उतने अच्छे नाटक, आलोचना, कहानी आदि नहीं लिखे गए। भारतेन्दु काल के वातावरण और परिस्थितियों से तो आप...५२ KB (३,६३१ शब्द) - ११:३४, २ सितम्बर २०१९
- साहित्यकार अज्ञेय ने यद्यपि कहानियां कम ही लिखीं और एक समय के बाद कहानी लिखना बिलकुल बंद कर दिया, परंतु हिन्दी कहानी को आधुनिकता की दिशा में एक नया और स्थायी...१४ KB (८९१ शब्द) - ०९:५२, २७ मई २०२२
- हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल)/दलित विमर्श (हिंदी आलोचना एवं समकालीन विमर्श/दलित विमर्श से अनुप्रेषित)कविताएँ (डॉ॰ रामचंद्र) ●कहानी संग्रह:- सलाम, घुसपैठिए, अम्मा एंड अदर स्टोरीज, छतरी ●आत्मकथा:- जूठन (अनेक भाषाओँ में अनुवाद) ●आलोचना:- दलित साहित्य का सौंदर्य...५७ KB (४,०५४ शब्द) - १५:०१, ३० दिसम्बर २०२३
- हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल)/मध्यकालीन बोध से आधुनिक बोध में संक्रमण (अनुभाग ४. स्त्रियों की दयनीय स्थिति)प्रादुर्भाव हुआ। इसी काल मे नाटक , निबंध, कहानी , आलोचना, उपन्यास आदि विधाओं का लेखन प्रारम्भ हुआ। अत: हम यह कह सकते है की इस काल मे विधाओं का विकास अपने चर्म...९ KB (६२० शब्द) - ०६:४४, २२ जुलाई २०२३