खोज परिणाम

देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)
  • यह हिंदू धर्म एवं संस्कृति को सार रूप में प्रस्तुत करने वाली पुस्तक है। १ से ९ दस अवतार बारह मास चौदह रत्न सोलह संस्कार अठारह पुराण सत्ताइस नक्षत्र चौसठ...
    ८५९ B (५० शब्द) - २३:०२, ४ फ़रवरी २०२०
  • (पूर्व में), रामेश्वरम (दक्षिण में०, द्वारका (पश्चिम में) चार पुरुषार्थ - धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष चार वर्ण - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य , सूद्र चार युग -...
    २ KB (१०४ शब्द) - १८:१९, ३० दिसम्बर २०१९
  • दुर्गा शक्ति और युद्ध की देवी हैं। माता रानी का स्वरूप देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं। दुर्गाजी पहले स्वरूप में 'शैलपुत्री' के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गाजी...
    ५४ KB (४,०११ शब्द) - १२:५८, ६ जुलाई २०२०
  • में बुद्ध धर्म की शाखायें कौन- 2 सी है - हीनयान, महायान, बज्रयान जैन धर्म के धर्मग्रंथ - अंग, उपांग, प्रकीर्णक स्यादवादया संशयवाद किस धर्म से सम्बन्धित...
    १३ KB (८८३ शब्द) - ११:०४, १३ जनवरी २०२३
  • पूर्व देवी देवता से , भोपा स्वीकृति ले लेता है । यह गवरी मंचन का अनिवार्य पहलू होता है । दैवी अनुमति बगैर मंचन असम्भव होता है । भक्तों द्वारा देवी को जागृत...
    १९ KB (१,३८६ शब्द) - ०४:३५, २५ जुलाई २०२१
  • अपनी उपासना और अपने उपासक- धर्म का सुन्दर दंग से उल्लेख किया है: सुन्दर श्री बरसानो निवास और बास बसों श्री वृन्दावन धाम है। देवी हमारे श्री राधिका नागरी...
    ४ KB (२५३ शब्द) - ०५:०१, २६ जुलाई २०२१
  • विवाद उठ खड़ा हुआ धीरे-धीरे विवाद ने जब युद्ध का रूप ले लिया तब समस्त देवताओं और ऋषि यों ने मनसे। एकमात्र परमेश्वर की शरण ली और तभी एक चमत्कार हुआ न...
    १ KB (८२ शब्द) - ०४:५३, २८ दिसम्बर २०२०
  • लक्ष्मी संतान लक्ष्मी धैर्य लक्ष्मी श्री देवी- सौंदर्य की देवी पृथ्वी या भूदेवी - धरती माता अलक्ष्मी या ज्येष्ट देवी - पार्वती का शांत रूप सती- विवाह की देवरी...
    ८८५ B (५६ शब्द) - १८:३६, ३० दिसम्बर २०१९
  • है। जैन धर्म में वर्ण व्यवस्था की निंदा नहीं की गई बल्कि वर्ण व्यवस्था और वैदिक धर्म की बुराइयों को कम करने का प्रयास किया गया। लेकिन बौद्ध धर्म ने वर्ण...
    १७३ KB (१२,५८६ शब्द) - ०५:१६, ३० जुलाई २०२१
  • दुनिया भर से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।देवी कामाख्या की प्रजनन क्षमता का प्रतीक यह मेला मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने...
    ६२ KB (४,५४५ शब्द) - ०३:५२, २३ जून २०२२
  • मृत्यु की देवी हैं। काली- समय स्वरूपीणी देवी तारा- स्थान स्वरूपीणी देवी छिन्नमस्ता- जीवन-मृत्यू चक्र स्वरूपीणी देवी भुवनेश्वरी- संपूर्णता रूपिणी देवी त्रिपुर...
    १ KB (५५ शब्द) - १८:४८, ३० दिसम्बर २०१९
  • जातियों में बहुत लोकप्रिय हुआ। उनके द्वारा की गई रूढ़ीवादी धर्म की आलोचना ने भक्तिमार्गीय धर्म के लिए आधार तैयार किया, जो आगे चलकर उत्तर भारत में लोकप्रिय...
    २२ KB (१,६२७ शब्द) - ०५:२५, ३० जुलाई २०२१
  • अशोक की तरह देवा नाम की उपाधि धारण करता था। पीली अनुसूचियां दीपवंश तथा महावंश के अनुसार अशोक के राज्य काल में पाटलिपुत्र में बौद्ध धर्म की तृतीय संगति...
    ३४ KB (२,५६५ शब्द) - ०५:०८, २६ जुलाई २०२१
  • इसी में धर्म की रक्षा है। भीतर तुम्हारे चाहे जो भाव और जैसी उपासना हो ऊपर से सब आर्यमात्र एक रहो। धर्म संबंधी उपाधियों को छोड़ कर प्रकृत धर्म की उन्नति...
    ५५ KB (४,२६३ शब्द) - ०३:०८, २१ अप्रैल २०२२
  • रत्नाकर में वह राह धर्म का ले लेकर जो नाम, हुआ करती बलि कर दी बंद हमीं ने दिया शांति-संदेश, सुखी होते देकर आनंद विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर...
    ४ KB (३०७ शब्द) - ०४:५१, ३० जुलाई २०२१
  • में ढरक चुका था और धर्म और विश्वास के क्षेत्र में मनुष्यरूप की प्रतिष्ठा स्वीकृत हो चुकी थी । इस युग के काव्य और शिल्पमें देव-देवियाँ निखरे हुााऊ मानव-सौन्दर्यके...
    २१ KB (१,५२१ शब्द) - ०९:५६, ८ फ़रवरी २०२२
  • आडम्बरों के कारण धर्म भी संकीर्ण होता जा रहा था। इस समय ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जा रहे प्रचार कार्य के कारण लोगों का ध्यान ईशाई धर्म की तरफ आकृष्ट हो...
    २१३ KB (१५,५४९ शब्द) - १३:३५, २६ फ़रवरी २०१७
  • । जहा वैदिक धर्म से च्युत महापापी द्विज निवास करते है , वे सब के सब बड़े दुष्ट है | उनका मन दूषित विषय भोगो में ही लगा रहता है | वे न देवो पर विश्वास करते...
    ४१ KB (३,१४२ शब्द) - १३:०१, २७ सितम्बर २०१८
  • अंतर हैं। पहले दोनों में धर्म के स्वरूप में अंतर है। वैदिक धर्म यज्ञ प्रधान था। उसके देवता भिन्न थे। लौकिक संस्कृत में भक्ति धर्म का स्वरूप प्रस्फुटित होता...
    १८ KB (१,२७९ शब्द) - १७:०५, १३ जनवरी २०२४
  • नारियों के समान, मैं अधर्म-निरत राजदण्ड से युक्त राजा के अपराध के कारण, हे धर्म की देवी, क्या विलाप करती हुई मिट जाऊँ? अपने साथ रहे हुए ळेष्ठ पति के तप्त चिता...
    १८ KB (१,४१९ शब्द) - ०५:१३, २६ जुलाई २०२१
देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)