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कहीं आपका मतलब क्या कर तो नहीं था?
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  • करो मन को मैथिलीशरण गुप्त "कुछ काम करो, कुछ काम करो जग में रह कर कुछ नाम करो यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो कुछ तो उपयुक्त करो तन...
    २ KB (१८० शब्द) - २०:३७, १६ दिसम्बर २०२१
  • को जीवन के प्रारंभिक 6 महीनों में आवश्यकता होती है। स्तनपान किस प्रकार कराया जाए, यह सीखने में समय लग सकता है। धैर्य रखें। आप और आपका शिशु दोनों कुछ...
    १९ KB (१,४६५ शब्द) - १३:३३, २४ मार्च २०१७
  • ठुकरा दो या प्यार करो संदर्भ ठुकरा दो या प्यार करो कविता हिन्दी की राष्ट्रिय धार की कवयित्री तथा कहानी लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित हैं। देश-प्रेम...
    ४ KB (३१९ शब्द) - ०९:००, २९ मई २०२०
  • दुरित दूर करो नाथ संदर्भ दूरित दूर करो नाथ कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी वस्तुओं...
    ३ KB (२७५ शब्द) - ०९:३७, २९ मई २०२०
  • `रशिमरथी':तीसरे सर्ग से कृष्ण-कर्ण संवाद सुभद्राकुमारी चौहान ठुकरा दो या प्यार करो वीरों का कैसा हो वसंत मुरझाया फूल मेरे पथिक झाँसी की रानी की समाधि पर अनोखा...
    ३ KB (१८१ शब्द) - १२:५८, २५ दिसम्बर २०२२
  • ठुकरा दो या प्यार करो सुभद्रा कुमारी चौहान देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं  सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग की लाते हैं  धूमधाम से साज-बाज से...
    २ KB (१७७ शब्द) - ०५:००, २५ जुलाई २०२१
  • कर कविता में कवि ने अपने आत्मकथा ना लिखने की अनेक कारणों का वर्णन करा है। वह बताती हैं उन्होंने कोई ऐसा कार्य नहीं करा है ऐसा कुछ भी अर्जित नहीं करा है...
    ६ KB (४८९ शब्द) - ०९:५४, ३१ मई २०२०
  • चाँद-सार लए मुख घटना करू चाँद-सार लए मुख घटना करू लोचन चकित चकोरे। अमिय धोय आँचर धनि पोछल दह दिसि भेल उँजोरे॥ कुच जुग के वहि बूढ़ निरस उर कामिनि कोने गढ़ली।...
    ९३९ B (५९ शब्द) - २०:२७, १६ नवम्बर २०२२
  • है। जब भी वह आता है राकेश अव्यवस्थित हो उठता है। उससे जितना बचने का प्रयास करो, वह उतना ही पीछे पड़ा रहता है। रमेश चौधरी के बोलने का अन्दाज कुछ ऐसा था कि...
    ४० KB (३,२८१ शब्द) - १०:५५, ९ अक्टूबर २०२१
  • बना दो करुणा निधान भगवान मेरे भारत को स्वर्ग बना दो दुःख दरिद्रता का नाश करो मानव के कष्ट मिटा दो अमृत की वर्षा बरसाकर भूख की आग मिटा दो खेतों में हरियाली...
    २ KB (१३२ शब्द) - ११:०१, १९ अगस्त २०२२
  • लगा। सौदा ले कर दोनों साथ-साथ चले। कुछ दूर जा कर लड़के ने मुसकरा कर पूछा, - 'तेरी कुड़माई हो गई?' इस पर लड़की कुछ आँखें चढ़ा कर धत् कह कर दौड़ गई, और लड़का...
    ४६ KB (३,७८४ शब्द) - ०८:२६, ७ फ़रवरी २०२२
  • कनक-शस्य-कमलधरे ! लंका पदतल शतदल  गर्जितोर्मि सागर-जल, धोता-शुचि चरण युगल  स्तव कर बहु-अर्थ-भरे ।  तरु-तृण-वन-लता वसन, अंचल में खचित सुमन, गंगा ज्योतिर्जल-कण...
    १ KB (५६ शब्द) - ०४:५२, ३० जुलाई २०२१
  • गाड़ियाँ एक साथ कचकचा कर रुक गईं। हिरामन ने पहले ही कहा था, 'यह बीस विषावेगा!' दारोगा साहब उसकी गाड़ी में दुबके हुए मुनीम जी पर रोशनी डाल कर पिशाची हँसी हँसे...
    १२५ KB (१०,५०२ शब्द) - ०८:१७, १० अक्टूबर २०२३
  • छोड़ देते? मर-मर काम करो, उपज हो तोबाकी दे दो, चलो छुट्टी हुई। बाकी चुकाने के लिए ही तो हमारा जनम हुआ है। पेट के लिए मजूरी करो। ऐसी खेती से बाज आये।...
    २४ KB (२,१०६ शब्द) - १०:००, २४ सितम्बर २०२१
  • .... जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें, हम भलाई करे, न ही बदले की हो भावना बढ़ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम नेकी...
    २ KB (१९२ शब्द) - २२:२८, ६ मार्च २०२४
  • दुरित दूर करो नाथ अशरण हूँ, गहो हाथ। हार गया जीवन-रण, छोड़ गये साथी जन, एकाकी, नैश-क्षण, कण्टक-पथ, विगत पाथ। देखा है, प्रात किरण फूटी है मनोरमण, कहा,...
    ६८२ B (५४ शब्द) - ०५:००, २५ जुलाई २०२१
  • हिंदी व्याकरण में किसी वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करने वाली व अर्थ का बोध कराने वाली शक्ति को शब्दशक्ति कहते हैं। या यूं कहें कि किसी वाक्य के भाव को समझने...
    २६ KB (१,८६६ शब्द) - ०८:३८, २८ अप्रैल २०२३
  • प्रयोग देव के लिए होने लगा। फिर 'सुर' में 'अ' लगाकर 'असुर' से दानव का बोध कराया जाने लगा। क्रोध के लिए 'रंज' शब्द का प्रयोग अज्ञान का ही परिणाम है। एक शब्द...
    १८ KB (१,३५२ शब्द) - १६:०६, १७ दिसम्बर २०२२
  • या कुन्देन्दु तुषार हारधवला, या शुभ्र वस्त्रावृता, या वीणावर दण्ड मण्डित करा, या श्वेत पद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकर प्रभृतिभिर् देवै सदा वन्दिता, सा...
    ३ KB (११५ शब्द) - ००:३७, १४ फ़रवरी २०२४
  • है; जैसे: बहुरि, करि, किमि, बाघु, मनु, कालु आदि। हिन्दी में पद के अंत में जो ए, ओ होते है, उनके स्थान पर ऐ, औ पाये जाते हैं; जैसे: करै, घर मै, ऊधौ, साधु...
    १७ KB (१,२०५ शब्द) - १२:५०, १८ फ़रवरी २०२३
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