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- थे कि वे महल से बाहर भी नहीं निकलते थे और राज-काज की ओर कोई ध्यान नहीं देते थे। मंत्री आदि लोग इससे बड़े चिंतित थे, किंतु राजा से कुछ कहने को शक्ति किसी...१३ KB (१,०३६ शब्द) - ०४:४३, २५ जुलाई २०२१
- सब नहीं अति प्रेम कपीसा॥ पूँछी कुसल कुसल पद देखी। राम कृपाँ भा काजु बिसेषी।। नाथ काजु कीन्हेउ हनुमाना। राखे सकल कपन्हि के प्राणी॥ सुनि सुग्रीव बहुरि तेहि...८ KB (६३१ शब्द) - ०५:३०, ३० जुलाई २०२१
- दोहा-जाइ पुकारे ते सब बन उजार जुबराज। सुनि सुग्रीव हरष कपि करि आए प्रभु काज॥ हनुमान राम के पास जाने की धुन में खो गए। वे अपने में खोये हुए थे कि उन्होंने...८ KB (६५४ शब्द) - ०५:३०, ३० जुलाई २०२१
- किया है। संभवतः यही कारण है कि 'कवितावली' में सबसे बड़ा खंड उत्तरकांड है। तुलसी के राम जैसे-जैसे बड़े होते हैं, तुलसी उनके सामने समाज की हकीकत को दर्शाते...२४ KB (१,७८३ शब्द) - १६:०५, ६ दिसम्बर २०२४
- व्याख्या - वह (स्त्री) जो एक कामकाजी महिला है। वह अपने ऑफिस में सारे दिन काम-काज़ में लगी रहती है। वह काम करते-करते थककर अपने घर में वापिस लौटती है। कवि कहता...११ KB (९२४ शब्द) - ०५:०४, २५ जुलाई २०२१
- पूतरा, सहजहि मैं घुलि जाय। रहिमन यह अचरज लखो, सोऊ खैंचत बाय॥37॥ काज परै कछु और है, काज सरै कछु और। रहिमन भँवरी के भए नदी सिरावत मौर॥38॥ काम न काहू आवई...४८ KB (३,९७२ शब्द) - ०८:२६, २२ नवम्बर २०१६
- डिसलायल्टी में पकड़ो और ऐसे लोगों को हर तरह से खारिज करके जितना जो बड़ा मेरा मित्र हो उसको उतना बड़ा मेडल और खिताब दो। हैं! हमारी पालिसी के विरुद्ध उद्योग करते...७७ KB (६,२११ शब्द) - ०४:५६, २५ जुलाई २०२१
- मिरचा लहसुन पियाज टिकोरा। ले फालसा खिरनी आम अमरूत निबुधा मटर होरहा। जैसे काजी वैसे पाजी। रैयत राजी टके सेर भाजी। ले हिंदुस्तान का मेवा फूट और बैर। [ ६४८ ]मुगल––बादाम...४१ KB (३,१८८ शब्द) - १६:३६, ३० जनवरी २०२२
- प्रशासनिक व्यवस्था में न्याय विभाग चौथा प्रमुख विभाग था,जिसका प्रधान आला काज़ी या आला सदर था। मुगल काल में साम्राज्य के खुफिया और सूचना विभाग का प्रधान...४३ KB (३,१२१ शब्द) - ०५:१७, ३० जुलाई २०२१
- लाई हार, जच्चा लचकावनिया धन पुरूष मसलत बारे मेरे राजा जी कोई क्या कुछ हमको काज जो गोरी तुम धीय जनोगी गोरी जी कोई सड़कों पै बिछाऊं खाट कोई सीरे की पिलाऊं...१५ KB (९७८ शब्द) - ०४:३६, २५ जुलाई २०२१
- आती है, जिनमें प्रमुख हैं-- (अ) अनुप्रयुक्तता:- प्रयोजनमूलक हिन्दी का सबसे बडा़ गुण या विशेषता है, उसकी अनुप्रयुक्तता(Appliedness) अर्थात प्रयोजनीयता। जीवन...२५ KB (१,५८७ शब्द) - १८:२७, १२ जून २०२४
- जाता है उस समय ये सभी नियम बंधन स्वतः छूट जाते हैं: लोक-वेद-मरजाद सब लाज काज संदेह। देत बहाए प्रेम करि,विधि निषेध को नेह।। (प्रेम-वाटिका :दोहा ७ ) रसखान...९ KB (६९० शब्द) - ०५:०३, २६ जुलाई २०२१
- भवन में बनाया गया है? -- सर्किट हाऊस छत्तीसगढ़ की जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा नगर कौन-सा है? -- रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य का आदर्श वाक्य कहाँ से लिया गया...१६ KB (९६६ शब्द) - १५:१३, २९ जून २०२०
- और दो लड़कियाँ बख्शीं । चौधरी-खानदान अपने मकान को हवेली पुकारता था । नाम बड़ा देने पर जगह तंग ही रही । दारोगा साहब के जमाने में ज़नाना भीतर था और बाहर...३१ KB (२,६५७ शब्द) - ०५:०६, ३१ मई २०२१
- ढंग से की जाती है। मिश्रित कृषि एक मशीनीकृत कृषि है जिसमें खेतों का आकार बड़ा,मानवीय श्रम कम,प्रति हेक्टेयर उपज कम और प्रति व्यक्ति तथा कुल उपज अधिक होती...३३ KB (२,३१७ शब्द) - १३:३२, २९ मई २०२०
- दार्जिलिंग किस फसल के लिए पानी की अधिकता आवश्यक है किन्तु जमाव नहीं — चाय काजू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है — केरल रेशे वाली फसलें कौन-सी होती हैं — कपास...४९ KB (३,४१९ शब्द) - ०३:२७, १ जनवरी २०२४
- 'राज' की भाषा से है। 'राज की भाषा' से यहाँ अभिप्राय राज-काज की भाषा, प्रशासन की भाषा, सरकारी काम-काज की भाषा या कार्यालय की भाषा से है। यह विदित ही है हिन्दी...६४ KB (४,६९२ शब्द) - ०३:०१, ४ जनवरी २०२२
- माध्यम से शिक्षण बन्द कर के जर्मन भाषा थोप दी थी। फलतः प्रदेश का सारा काम-काज एकमात्र जर्मन भाषा में होता था; फ्रैंच के लिए वहाँ कोई स्थान न था। स्वभावतः...११ KB (८४९ शब्द) - ११:०७, २९ अगस्त २०१४
- नागरी" लिपि में बँगला लिखते रहे। उस समय के कुछ मुसलमान कवि ये हैं- दौलत काज़ी, जिसने "लोरचंदा" या "सती मैना" शीर्षक प्रेमकाव्य लिखा, कुरेशी मागन ठाकुर...११५ KB (७,९३१ शब्द) - १६:४८, २४ अगस्त २०२३
- पैदा हुई कपास पर निर्भर करता है। काजू के अंतर्राष्टरीय बाजार में प्रमुख, भारत, अफ़्रीकी देशों में पैदा हुए कच्चे काजू पर निर्भर करता है। हम सब जानते हैं...३० KB (२,१७४ शब्द) - ०२:३९, ११ मार्च २०२०