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  • तो वह बता न देता? खैर, बातों-बातों में मालूम हुआ कि उस शाम आशुतोष पतंग और डोर का पिन्ना नया लाया है। श्रीमती ने कहा कि यह तुम्हीं हो जिसने पतंग की उसे...
    ५१ KB (४,४४९ शब्द) - ०३:०९, १५ सितम्बर २०१९
  • 2019 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इसका समापन किया जाएगा। इस अभियान में डोर-टू-डोर गतिविधियों, वार्ड एवं शहर स्तर के कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा। ई-कोर्स...
    २८ KB (२,०५१ शब्द) - ०६:५९, २५ जुलाई २०२१
  • कृष्ण खेलत हरि निकसे ब्रज-खोरी। कटि कछनी पीतांबर बाँधे, हाथ लए भौंरा, चक, डोरी।। मोर-मुकुट, कुंडल स्रवननि बर, दसन-दमक दामिनि-छबि छोरी। गए स्याम रबि-तनया...
    ८८७ B (५६ शब्द) - २२:०२, १३ नवम्बर २०२२
  • प्राण तो संकट में पड़ गए हैं। उसका यह मजाक बड़ा कठोर है। सुजान मैं प्रेम की डोर ढ़ीली छोड़ी, मिलन की अवधि बढ़ातीं गई, आशा देती रही और मेरे मन आशा के आकाश...
    ३१ KB (२,५०४ शब्द) - ०५:०६, २५ जुलाई २०२१
  • का और कोई काम नहीं। सचमुच यह गीत आपसी भेदभाव की दीवाल को तोड़कर सब को एक डोर में बांध देता है। यह गीत केवल पुरुषों का नहीं, नारियों का भी है, केवल फुलवारियों...
    १५ KB (१,१९१ शब्द) - ०४:३४, २५ जुलाई २०२१
  • सूहे पट पहरें द्वै पटुली बैठे सामल गोरी। अलिनु रंगीली तिय पद अंगुली पिय डोरी सों जोरी।। श्याम काम बस झूल झूल पग मूलनि झूलिनि बढाहीं। कामिनि चरण तामरस...
    ५ KB (३५० शब्द) - ०५:०३, २६ जुलाई २०२१
  • तो संसार है। ताश के सब पत्‍ते लाल हो गए। फिर सब काले हो गए। गले की सूत की डोरी टुकड़े-टुकड़े होकर जुड़ गई। लट्टू अपने से नाच रहे थे। मैंने कहा, अब हो चुका।...
    १७ KB (१,३५१ शब्द) - २२:५१, ३ जनवरी २०२४
  • कमर पर पीले रंग का कमरबंध बाँधा हुआ है। और हाथ में लटट और उसे चलाने वाली डोरी है। उन्होंने मोर पंख का मुकुट पहना हुआ है और कानों में कुंडल पहने हुए हैं...
    ५ KB (४१५ शब्द) - १३:०४, २६ मई २०२०
  • एप्लिकेशन उपयोगकर्त्ताओं को अपशिष्ट-संचालकों से जोड़ने का काम करता है। डोर-टू-डोर अपशिष्ट उठाने की यह प्रक्रिया पुन: प्रयोज्य कचरे के आसान निपटान में उन...
    ३५ KB (२,४९५ शब्द) - ०५:१०, ३० जुलाई २०२१
  • काग़ज़ की लुग्दी की। उसके शरीर के भाग इस प्रकार जोड़े जाते हैं कि उनसे बँधी डोर खींचने पर वे अलग-अलग हिल सकें। इतिहास कठपुतली का इतिहास बहुत पुराना है। ईसा...
    १५ KB (१,०६० शब्द) - ०४:३४, २५ जुलाई २०२१
  • अवतरित है। प्रसंग- रहीम दास जी कहते हैं कि प्रेम का रिश्ता अत्यंत नाजुक डोर से बँधा होता है उसको कभी तोड़ना नहीं चाहिए। व्याख्या- रहीम दास कहते है प्रेम...
    १८ KB (१,३८९ शब्द) - ०५:०७, २५ जुलाई २०२१
  • शब्द की आवृति पर जगदीश बाबू के मध्यमवर्गीय संस्कार जाग उठे- अपनत्व की पतली डोरी -‘अहं’ की तेज धार के आगे न टिक सकी। ”दाज्यू, चाय लाऊँ?“ ”चाय नहीं, लेकिन...
    १६ KB (१,२७२ शब्द) - २१:३९, ३१ मई २०२१
  • का पर्दा झटक लिया । ड्योढी से परदा हटने के साथ ही, जैसे चौधरी के जीवन की डोर टूट गयी । वह डगमगाकर ज़मीन पर गिर पड़े । इस दृश्य को देख सकने की ताब चौधरी...
    ३१ KB (२,६५७ शब्द) - ०५:०६, ३१ मई २०२१
  • का निर्माण, पालन उपकरण, कीटाणुशोधन एवं अन्य आवश्यक सामाग्रियों के लिये डोर-टू-डोर सेवा एजेंटों आदि द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। कपड़ा मंत्रालय द्वारा...
    १३९ KB (९,७८८ शब्द) - ०६:५९, २५ जुलाई २०२१
  • तो वह बता न देता? खैर, बातों-बातों में मालूम हुआ कि उस शाम आशुतोष पतंग और डोर का पिन्ना नया लाया है। श्रीमती ने कहा कि यह तुम्हीं हो जिसने पतंग की उसे...
    ५१ KB (४,४४८ शब्द) - ०४:४४, २५ जुलाई २०२१
  • का पर्दा झटक लिया । ड्योढी से परदा हटने के साथ ही, जैसे चौधरी के जीवन की डोर टूट गयी । वह डगमगाकर ज़मीन पर गिर पड़े । इस दृश्य को देख सकने की ताब चौधरी...
    ३१ KB (२,६२२ शब्द) - ०४:५५, २५ जुलाई २०२१
  • की धुरी थी। दोनों पहिए तो नहीं, एक पहिया एकदम नया था। गाड़ी में रंगीन डोरियों के फुँदने बड़े जतन से गूँथे गए थे। दो कसमें खाई हैं उसने। एक चोरबाजारी...
    १२५ KB (१०,५०२ शब्द) - ०८:१७, १० अक्टूबर २०२३
  • सामाजिक संदेश हिंदी फिल्मी गीतों का समृद्ध इतिहास रहा है। 1950 का दशक आदर्श डोर है इस दौर में फिल्मकारो के दिमाग में भी देश और समाज के प्रति चिंतन हावी था।...
    ३२ KB (२,४४९ शब्द) - १९:३४, २६ अप्रैल २०२४
  • जीतूं की समर मे डूब मरूं. “अब देर नही कीजै केशव, अवसेर नही कीजै केशव. धनु की डोरी तन जाने दें, संग्राम तुरत ठन जाने दें, तांडवी तेज लहराएगा, संसार ज्योति कुछ...
    २४ KB (२,०७४ शब्द) - ०५:०३, २५ जुलाई २०२१
  • मधुलिका ने डंठलों का कपाट खोल दिया। बिजली चमक उठी। उसने देखा एक पुरुष घोड़े की डोर पकड़े खड़ा है। सहरसा वह चिल्ला उठी -'राजकुमार!' 'मधुलिका ? - आश्चर्य से युवक...
    ४४ KB (३,५०७ शब्द) - ०४:४४, २५ जुलाई २०२१
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