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- प्रेमचंद का व्यक्तित्व परिचय - प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई सन् 1880 को उत्तर प्रदेश में बनारस शहर से चार मिल दूर लमही गांव में हुआ था । उनके बचपन का नाम...६ KB (४५० शब्द) - ०५:२७, ३० जुलाई २०२१
- इत्यादि जिन रचनाओं में इतिहास लेखन की आरंभिक झलक दिखायी पड़ती है, वे सभी रचनाएँ इतिहासबोध के स्तर पर प्रभावशून्य हैं। १९वीं सदी में जब इतिहास लेखन की औपचारिक...१५ KB (९५५ शब्द) - ०४:०१, १६ मार्च २०२४
- आरंभ और अंत ही विशेष महत्व का होता है। हिंदी में प्रेमचंद कहानी की परिभाषा में कहते हैं कि यह एक ऐसी रचना है जिसमें जीवन के किसी एक अंग या मनोभाव को प्रदर्शित...२ KB (१७१ शब्द) - २३:३५, १५ सितम्बर २०१९
- स्थापना हुई। इसका पहला अधिवेशन सन् 1936 में प्रेमचंद की अध्यक्षता में लखनऊ में हुआ। अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रेमचंद ने कहा कि हमारी कसौटी पर वही साहित्य खरा...११ KB (८११ शब्द) - १०:४८, २६ जून २०२०
- प्रकाश में आये । कहानी - लेखक के रूप में उनकी प्रकृति प्रेमचंद से बिलकुल अलग है । जहां प्रेमचंद का रुझान जीवन के चारों ओर फैले यथार्थ में था , वहीं प्रसाद...९५ KB (६,६०३ शब्द) - ०५:१६, ३ दिसम्बर २०२१
- प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता मुंशी प्रेमचंद ने की थी, इस अधिवेशन में प्रेमचंद का अध्यक्षीय भाषण जब हिन्दी में रूपांतरित हुआ तो हिन्दी लेखकों की प्रेरणा का...५९ KB (४,१६८ शब्द) - २१:५०, ९ अक्टूबर २०२१
- उपन्यास - (क) प्रेमचंद पूर्व युग (ख) प्रेमचंद युग (ग) प्रेमचंदोत्तर युग (घ) स्वातंत्र्योत्तर युग २. कहानी - (क) प्रेमचंद पूर्व युग (ख) प्रेमचंद युग (ग) प्रेमचंदोत्तर...११ KB (७६३ शब्द) - ०४:४८, २५ जुलाई २०२१
- शुक्ल और हिंदी आलोचना), उपन्यासकारों में प्रेमचंद ( प्रेमचंद और उनका युग) तथा कवियों में निराला (निराला की साहित्य साधना) सर्वाधिक प्रिय हैं।किसी आलोचक...१८ KB (१,२७५ शब्द) - १८:१४, १७ अप्रैल २०२४
- दो व्यक्तियों के बोलने का ढंग एक नहीं होता। वस्तुतः प्रेमचंद की भाषा प्रसाद से भिन्न है और पंत की निराला से। हिन्दी का प्रयोग तो यों सभी करते है; फिर...९ KB (६४४ शब्द) - १६:०४, १७ दिसम्बर २०२२
- जगत का अभिलेखन प्रस्तुत करना ही है (जिस प्रकार प्रेमचंद का गोदान)। अद्भुत तथा असाधारण के विपरीत साधारण की प्रतिष्ठा के क्रम में यह यथार्थ के ऐसे जघन्य तथा...१० KB (७२३ शब्द) - १८:२८, ७ दिसम्बर २०२२
- किस्सा’, ‘वीर सिंह वृतान्त’ आदि रचनाएँ भी प्रायः अनूदित या रूपान्तरित हैं। हिन्दी की प्रारम्भिक कहानियाँ आख्यायिका शैली की हैं। उनमें उल्लेखनीय हैं : पं...४० KB (२,५६५ शब्द) - १४:३७, ६ जून २०१७
- उपन्यास, कहानी, नाटक एवं समालोचना का अच्छा विकास हुआ | रामचन्द्र शुक्ल एवं प्रेमचंद युग गद्य के विकास में इस युग का विशेष महत्त्व है। रामचंद्र शुक्ल ने निबंध...७ KB (५०७ शब्द) - ०५:२६, ३० जुलाई २०२१
- साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद ने क्रांति ही कर डाली। अब कथा साहित्य केवल मनोरंजन, कौतूहल और नीति का विषय ही नहीं रहा बल्कि सीधे जीवन की समस्याओं से जुड़ गया।...१८ KB (१,२३५ शब्द) - ०६:३२, ११ सितम्बर २०२३
- में प्रेमचंद का पहला हिंदी उपन्यास ‘सेवासदन’ प्रकाशित हुआ। प्रेमचंद के आगमन के साथ ही हिन्दी-कथा साहित्य में एक नये युग का आरम्भ हुआ। इसे प्रेमचंद युग...२७ KB (१,८४४ शब्द) - १९:०४, ७ अक्टूबर २०२३
- भाषिक सर्जनात्मकता के स्तर पर किया है। कथा-साहित्य में प्रेमचंद तथा उनके समकालीनों ('प्रेमचंद और भारतीय समाज') के साथ ही साथ उन्होंने नई कविता के तर्ज...१८ KB (१,२९६ शब्द) - ०५:१७, ३ दिसम्बर २०२२
- शासन-व्यवस्था से टकराव इनकी व्यंग्य रचनाओं की आधार सामग्री का काम करते हैं। युगीन समस्याओं पर व्यंग्य करने की प्रवृत्ति प्रेमचंद में भी बहुत मिलती है। इन्होंने...२३ KB (१,५६२ शब्द) - २०:४६, ९ फ़रवरी २०२४
- सृजनशीलता की श्रेष्ठतम उपलब्धि में है। कविता में जो छायावाद युग है, नाटक के क्षेत्र में वह प्रसाद युग, कथा साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद युग और आलोचना...३ KB (२०७ शब्द) - ०५:१६, ३ दिसम्बर २०२१
- रेणु के उपन्यास ‘मैला आँचल’ से आंचलिक उपन्यास का सूत्रपात माना जाता है । प्रेमचंद के बाद उपन्यासों और कहानियों से जो ग्राम और अंचल मृतप्राय हो गए थे उन्हें...५ KB (३१८ शब्द) - १०:५५, २६ जून २०२०
- दलितों की समस्या को समझ सकता है क्योंकि 'स्वयं वेदना' और 'संवेदना' में अंतराल समाप्त नहीं किया जा सकता। इसी दृष्टिकोण से इन्होंने प्रेमचंद की रचनाओं जैसे...२१ KB (१,४१५ शब्द) - ०४:४७, २५ जुलाई २०२१
- प्रेमचंद जी ने अपने मासिक पत्र हंस में प्रकाशन हेतु प्रसाद जी से अपनी आत्मकथा का अक्षांश आग्रह पूर्वक मांगा था तभी जयशंकर प्रसाद जी ने यह कविता रची।...६ KB (४८९ शब्द) - ०९:५४, ३१ मई २०२०