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कहीं आपका मतलब काव्य तो नहीं था?
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- वर दे संदर्भ वर दे कविता सुव्याख्य छायावादी कवि सूर्य कान्त त्रिपाठी निराला द्वारा रचित है। प्रसंग वर दे कविता में निराला जी ने सरस्वती जी की वंदना की...२ KB (१६० शब्द) - २०:१६, २५ अक्टूबर २०२२
- वह तोड़ती पत्थर संर्दभ वह तोड़ती पत्थर' प्रसिद्ध छायावादी कवि सूर्य कान्त त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा रचित है। निराला जी अपनी रचनाओं में जीवन के मार्मिक...४ KB (३१७ शब्द) - १८:२६, ११ मार्च २०२२
- स्नेह निर्झर संदर्भ स्नेह निर्झर' कवि सूर्य कान्त त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा रचित है। निराला जी अपनी रचनाओं में जीवन के मार्मिक दृश्य को उजागर करते है।...५ KB (३९९ शब्द) - २०:०४, २५ अक्टूबर २०२२
- हुए हैं. विरचिताभयं वृष्णिधुर्य ते चरणमीयुषां संसृतेर्भयात् । करसरोरुहं कान्त कामदं शिरसि धेहि नः श्रीकरग्रहम् ॥ ५॥ भवार्थ - हे वृषिणधूर्य ! तुम अपने...२३ KB (१,५३१ शब्द) - ०४:१३, ८ नवम्बर २०१८
- बांधो न नाव संदर्भ बांधो न नाव कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी वस्तुओं का समावेशन...२ KB (१३९ शब्द) - १८:३३, २६ दिसम्बर २०२२
- मैं अकेला संदर्भ मै अकेला कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी वस्तुओं का समावेशन करते...२ KB (१६८ शब्द) - १३:०६, २६ अक्टूबर २०२१
- नहीं. और यही इसकी सबसे बड़ी जीत भी है. कहानी खुलती है महाकाल की नगरी में. कांति की उस शहर में दुकान है. शिव को अपना आराध्य मानता है. अपनी बीवी और दो बच्चों...११ KB (९४५ शब्द) - ०८:१५, २ मार्च २०२४
- की॥ पनघट-कुँआ, वह जगह जहाँ से पानी भरा जाता है। मधवा-जगह का नाम सं॰विमलेश कान्ति वर्मा-भाषा, साहित्य और संस्कृति,ओरियंट ब्लैकस्वॉन, दिल्ली, २०१५, पृ॰१७४...१ KB (७७ शब्द) - ०५:१३, २६ जुलाई २०२१
- खेत जोत कर घर आए हँ संदर्भ खेत जोतकर घर आए हैं' कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी...३ KB (२२२ शब्द) - ०९:४४, २९ मई २०२०
- संध्या सुंदरी संदर्भ - संध्या सुंदरी' कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी वस्तुओं का...४ KB (२९४ शब्द) - १०:१५, ३० मई २०२०
- भिक्षुक संदर्भ भिक्षुक ' कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी वस्तुओं का समावेशन करते...४ KB (३१५ शब्द) - ०९:११, २९ मई २०२०
- दुरित दूर करो नाथ संदर्भ दूरित दूर करो नाथ कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी वस्तुओं...३ KB (२७५ शब्द) - ०९:३७, २९ मई २०२०
- जुही की कली संदर्भ जूही की काली कविता छायावादी कवि सूर्य कांत त्रिपाठी ' निराला ' द्वारा उद्धृत है। निराला जी अपनी कविता जीवन से जुड़ी वस्तुओं का समावेशन...४ KB (३३५ शब्द) - ०९:१४, २९ मई २०२०
- ग्यान बताई। जन नानक बिन आपाअभिमान चीन्हे, मिटै न भ्रमकी काई॥३॥ भाषा, साहित्य और संस्कृति-(सं.)विमलेश कान्ति वर्मा, ओरियंट ब्लैकस्वान, दिल्ली, २०१५, पृ.१८२...२ KB (१०९ शब्द) - ०५:१२, २६ जुलाई २०२१
- हिमालय श्रृंग और मैं चंचल गति सुर सरिता। तुम विमल ह्रृदय उच्छवास और मैं कान्त कामिनी कविता।" (निराला) धर्म के क्षेत्र में रूढियों एवं बाह्याचारों से मुक्त...२३ KB (१,५११ शब्द) - १०:४४, २६ जून २०२०
- है। श्रीकृष्ण परम रसिक सुन्दरता के मूर्तमान स्वरुप हैं। इनका अंग-प्रत्यंग कान्ति से दीप्त है उनकी छवि को देखकर चन्द्रमा आदि की ज्योति भी तुच्छ प्रतीत होती...४ KB (३१२ शब्द) - ०४:५९, २६ जुलाई २०२१
- उल्लेख किया गया है: अद्भुत जोट स्याम स्यामा बर विहरत वृन्दावन चारी। रूप कांति बन विभव महिमा रटत बन्दि श्रुति मति हारी।। पद विलास कुनित मनि नूपुर रुनित...५ KB (३५८ शब्द) - ०४:५९, २६ जुलाई २०२१
- जीते रहो। तुम्हारा, सुब्रह्मण्यम भारती। 'आनन्दम्' भाषा, साहित्य और संस्कृति-(सं.) विमलेश कान्ति वर्मा, मालती, ओरियंट ब्लैकस्वॉन, नई दिल्ली, २०१५, पृ.२२७...५ KB (३२९ शब्द) - ०५:१२, २६ जुलाई २०२१
- चरणों को रखती थी, वहीं वहीं पर कमल भर जाते थे। जहाँ-जहाँ उसके अंगों की कांति की झलक पड़ती थी, वहीं-वहीं पर बिजली की-सी चमक जाती थी। मैंने उस अपूर्व सुंदरी...७ KB (५०७ शब्द) - १५:३०, ८ मई २०२०
- 'ग़ालिब' और कहां वाईज़ पर इतना जानते हैं, कल वो जाता था कि हम निकले विमलेश कान्ति वर्मा और मालती (सं.)-भाषा साहित्य और संस्कृति, ओरियंट ब्लैकस्वॉन, नई दिल्ली...३ KB (२१७ शब्द) - ०५:१३, २६ जुलाई २०२१