खोज परिणाम
दिखावट
देव वर्णन हेतु खोज परिणाम निम्न हैं। देंव वर्मा हेतु खोज खोजें।
इस विकि पर "देंव वर्मा" नाम का पृष्ठ बनाएँ! खोज परिणाम भी देखें।
- आस्वादन करते हैं। विहारिनदेव ने अपने उपास्य-युगल राधा-कृष्ण की प्रेम लीलाओं वर्णन अपनी काव्य-रचना में बहुत सुन्दर दंग से किया है। इनमें मान, भोजन ,झूलन ,नृत्य...४ KB (२६२ शब्द) - ०५:०२, २६ जुलाई २०२१
- वहीं भजन भाव में लीन होकर रहने लगे। इनकी रस-नीति, विरक्ति और शील-स्वभाव का वर्णन केवल हरिदासी सम्प्रदाय के भक्त कवियों ने नहीं,अपितु अन्य सम्प्रदाय के भक्तों...३ KB (२१३ शब्द) - ०५:०२, २६ जुलाई २०२१
- कृष्ण काव्य में माधुर्य भक्ति के कवि---पृष्ठ-६१ विट्ठलविपुल देव के उपास्य श्यामा-श्याम परम रसिक हैं। ये नित्य -किशोर सदा विहार में लीन रहते हैं। इनकी...३ KB (२१५ शब्द) - ०५:०४, २६ जुलाई २०२१
- क्रीड़ाओ और मातृभावना को लेकर सूरदास बहुत ही मनोहर और प्रभावशाली वर्णन किया है ऐसा वर्णन किसी ओर कवि ने नही किया है,आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने सूरदास की...१९ KB (१,५२५ शब्द) - ०४:४३, २५ जुलाई २०२१
- बरसानो निवास और बास बसों श्री वृन्दावन धाम है। देवी हमारे श्री राधिका नागरी गोत सौं श्री हरिवंश नाम है।। देव हमारे श्रीराधिकावल्लभ रसिक अनन्य सभा विश्राम...४ KB (२५३ शब्द) - ०५:०१, २६ जुलाई २०२१
- सृजन किया। रीतिबद्ध काव्यधारा में केशवदास, चिंतामणि त्रिपाठी, कुलपति मिश्र, देव, भिखारीदास, पद्माकर और मतिराम आदि महत्वपूर्ण कवियों को रखा जा सकता है। रामचंद्र...९ KB (६३२ शब्द) - ०५:५०, ५ मार्च २०२४
- घराने की ख़ास दखल है। कजरी गीतों में वर्षा ऋतु का वर्णन विरह-वर्णन तथा राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन अधिकतर मिलता है। कजरी की प्रकृति क्षुद्र है। इसमें...४ KB (२८५ शब्द) - ०४:३४, २५ जुलाई २०२१
- भूषण ने इस पद को शिवाजी महाराज की वीरता का वर्णन करते हुए लिखा है इसमें उन्होंने शिवाजी महाराज की वीरता का वर्णन किया है व्याख्या : भूषण कहते हैं कि जैसे...२३ KB (१,७९४ शब्द) - ०५:०७, २५ जुलाई २०२१
- मुक्ति पाएगा देता तक भी आवागमन से मुक्ति नहीं दे पाए किसी देवता के शरण हुए हम जाएं पर देवता और सब अपना कुशल मनाएंगे गौतम बुध्द सोच रहे हैं बाहर से क्या...७ KB (६०१ शब्द) - १३:५३, २७ सितम्बर २०२१
- देव के सामने लाल भगवानदीन और पं. पद्मसिंह शर्मा बिहारी को लाए। पं. कृष्णबिहारी मिश्र के 'देव और बिहारी' के उत्तर में लाल भगवानदीन ने 'बिहारी और देव'...१६ KB (१,१२० शब्द) - ०५:२६, ३० जुलाई २०२१
- घराने की ख़ास दखल है। कजरी गीतों में वर्षा ऋतु का वर्णन विरह-वर्णन तथा राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन अधिकतर मिलता है। कजरी की प्रकृति क्षुद्र है। इसमें...९ KB (७४९ शब्द) - ०४:३५, २५ जुलाई २०२१
- श्रीकृष्ण को पालने में सुला रही है। कवि यहां यशोदा की मातृ-सुलभ चेष्टाओं का वर्णन कर रहा है- जसोदा हरि पालनै झुलावै......सो नंद भामिनि पावै। यशोदा अपने बेटे...६ KB (४६१ शब्द) - ०५:२८, ३० जुलाई २०२१
- और निर्भीकता आदि का सजीव चित्रण हुआ है। सत्यानंद अग्निहोत्रीकृत ‘मुझ में देव जीवन का विकास’ का पहला खण्ड सन् 1909 में और दूसरा खण्ड सन् 1918 में प्रकाशित...१५ KB (१,०७५ शब्द) - १४:१६, २६ अगस्त २०२१
- घराने की ख़ास दखल है। कजरी गीतों में वर्षा ऋतु का वर्णन विरह-वर्णन तथा राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन अधिकतर मिलता है। कजरी की प्रकृति क्षुद्र है। इसमें...९ KB (७४९ शब्द) - ०४:३३, २५ जुलाई २०२१
- केशवदास रामचंद्रिका वन-गमन वर्णन तीसरा प्रभाव समझैं बाला बालकहूं, वर्णन पंथ अगाध | कविप्रिया केशव करी, छमियो कवि अपराध|1/1|| संदर्भ :- यह पद हिंदी साहित्य...२२ KB (१,६९२ शब्द) - १०:००, २८ जुलाई २०२१
- रचित है। इसमें मीरा ने अपने आराध्य-देव कृष्ण के प्रति आत्म-निवेदन तथा भक्ति-मार्ग में आने वाली कठिनाइयों का वर्णन किया है। वह कृष्ण के अतिरिक्त किसी और...६ KB (४८९ शब्द) - १५:०२, १३ जुलाई २०२४
- - तब। सुभ -शुभ। सुर देवता। विजई - बजती है। बेनई - बीना। त्रिलोक - तीनों लोकों में। उजागर प्रकट होना। कीन्हि - किया। बरनी = वर्णन। सहसहुँ - हज़ारों। सुफल...८ KB (६०३ शब्द) - ०५:३०, ३० जुलाई २०२१
- विना तारों के झंकार के ही वीणा पर गाने का वर्णन किया गया है । इस प्रकार कारण के बिना ही कार्य के हो जाने का वर्णन करने से यहाँ विभावना अलंकार है। विशेषोक्ति...२२ KB (१,६३२ शब्द) - ०६:५६, ७ मई २०२२
- धरे पैया । कबहुँक सुंदर बदन विलोकति, उर आनंद भरि लेत बलैया । कबहुँक कुल देवता मनावति, चिरजीवहु मेरौ कुँवर कन्हैया । कबहुँक बल कौं टेरि बुलावति , इहिं...१० KB (८०३ शब्द) - ०४:४१, २५ जुलाई २०२१
- ग्यारह को त्रिविध करने से तैंतीस और इसी तैंतीस से तैंतीस करोड़ देवता हुए। इस विषय का विशेष वर्णन अन्य प्रसंग में करेंगे। यहाँ केवल इस बात को दिखलाते हैं कि...५५ KB (४,२६३ शब्द) - ०३:०८, २१ अप्रैल २०२२